दिग्विजय में राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 पर आधारित चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की सरंचना एवं अकादमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट पर आधारित कार्यशाला का सफल आयोजन
शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव में नई राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020के अंतर्गत स्नातक चारवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम कीसरंचना के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 02/05/2023 को सम्पन्न हुआ | विदित हो की छत्तीसगढ़ के आठ स्वशासी महाविद्यालय में सत्र 2022-23 मेंनई राष्ट्रीय शिक्षा निति लागू कर दिया है इसके अंतर्गत अब स्नातक चार वर्ष का होगा | सत्र 2022-23 में स्नातक प्रथम व् द्वितीय सेमेस्टर सम्पन्न हो जाएगा | 44 क्रेडिट लेकर प्रथम वर्ष परीक्षा पास करने के पश्चात विद्यार्थी को स्नातक सर्टिफिकेट की पात्रता होगी | इसतारतम्य में प्राचार्य डॉ. के. एल. तांडेकर के मार्गदर्शन मेंस्वशासी परीक्षा प्रकोष्ट तथा IQAC के संयुक्त तत्वाधान एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके संयोजक डॉ. अंजना ठाकुर तथा आयोजन सचिव डॉ. हेमन्त कुमार साव, डॉ. एस. के. उके एवं श्री गोकुल राम निषाद रहे |
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में विधिवतसमस्त मंचासीन प्राचार्य महोदय, डॉ. एच. एस. भाटिया एवं डॉ. अंजना ठाकुर का पुष्पगुच्छ से सम्मान किया गया तत्पश्चात डॉ. अंजना ठाकुर द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया जिसमे कार्यशाला की रुपरेखा के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई|
कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में सभा को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.के. एल. तांडेकरने बताया की नई राष्ट्रीय शिक्षा निति में विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास के लिए ऐसे पाठ्यक्रम की सरंचना की जाए की विद्यार्थी चार वर्षीय पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी के अन्दर कौशल क्षमता, अकादमिक ज्ञान, मूल्यवर्धितज्ञानसेपरिपूर्णहो,जिससे आसानी से रोजगार प्राप्त कर सके |
आज के कार्य शाला में स्नातक द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष तथा चतुर्थ वर्ष के पाठ्यक्रम सरंचना पर विस्तार से चर्चा की गई | कार्यशाला के प्रथम तकनिकी सत्र में स्वशासी परीक्षा विभाग के उपनियंत्रक डॉ. हेमन्त कुमार साव ने बताया की 88 क्रेडिट लेकर द्वितीय वर्ष की परीक्षा पास करने के उपरान्त विद्यार्थी को स्नातक डिप्लोमा की पात्रता होगी | इसी तरह 132 क्रेडिट लेकर तृतीय वर्ष की परीक्षा पास करने पर स्नातक डिग्री की पात्रता होगी | डॉ. साव ने बताया की 176 क्रेडिट लेकर चतुर्थ वर्ष की परीक्षा पास करने के पश्चात विद्यार्थी को स्नातक आनर्स डिग्री की पात्रता होगी | यदि विद्यार्थी चतुर्थ वर्ष में शोध प्रश्न पत्र के साथ परीक्षा किसी एक मेजर विषय में 80 क्रेडिट तथा माइनर विषय में 28 क्रेडिट लेकर चतुर्थ वर्ष की परीक्षा पास करता है तो विद्यार्थी को स्नातक रिसर्च विथ आनर्स की डिग्री प्राप्त होगी| स्नातकरिसर्च आनर्स डिग्री वाले विद्यार्थी को सीधे पीएच. डी. में प्रवेश की पात्रता होगी |
कार्यशाला के द्वितीय तकनिकी सत्र में स्वशासी परीक्षा प्रकोष्ठ के सहायक नियंत्रक श्री गोकुल राम निषाद द्वारा अकादमिक क्रेडिट बैंक तथा आनलाइन माध्यम से जैसे स्वयं, एन पी टी ए एल तथा मूक्स मेंउपलब्धपाठ्यक्रम के बारे में बताया की इसमें किस प्रकार पंजीयन कर पुर्णतः निशुल्क तरीके से प्राप्त कर सकते है जिसे केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है साथ ही यह बताया गया की नई राष्ट्रीय शिक्षा निति में विद्यार्थी द्वारा अर्जित क्रेडिट को उसके अकादमिक क्रेडिट बैक में जमा करनाअनिवार्य होगा | अंत में प्राचार्य द्वारा निर्देशित किया गया की महाविद्यलाय के प्रत्येक प्राध्यापकतथा विद्यार्थी का उपरोक्त पोर्टल में पंजीयन करना अनिवार्य है | कार्यक्रमका आभार प्रदर्शन स्वशासी परीक्षा प्रकोष्ठ के सहायक नियंत्रक डॉ. एस. के. उके द्वारा किया गया |