शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालयराजनांदगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई–01 एवं 02 के कार्यक्रम अधिकारियों प्रो. संजय सप्तर्षि एवं प्रो. करूणा रावटे के मार्गदर्शन में स्वयंसेवकों द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की विभिन्न शालाओं में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

यह कार्यक्रम शासकीय माध्यमिक शाला गठूलाशासकीय प्राथमिक शाला गठूलाशासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला भेड़िकलाशासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बोरी तथा महारानी लक्ष्मीबाई आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक शालाराजनांदगांव में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवकों ने विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरतासाइबर सुरक्षामानसिक स्वास्थ्यसोशल मीडिया के दुरुपयोग तथा डिजिटल भारत जैसे समसामयिक विषयों पर जागरूक किया।

"डिजिटल साक्षरता" के अंतर्गत विद्यार्थियों को मोबाइलकंप्यूटर और इंटरनेट के सुरक्षित व रचनात्मक उपयोग की जानकारी दी गईजिससे वे तकनीक के माध्यम से शिक्षा और जानकारी तक पहुँच बना सकें।

"साइबर सुरक्षा" विषय में ऑनलाइन ठगीपासवर्ड सुरक्षाओटीपी साझा न करने तथा सुरक्षित डिजिटल पहचान बनाए रखने के उपाय बताए गए।

"मानसिक स्वास्थ्य" पर चर्चा के दौरान विद्यार्थियों को तनावपढ़ाई के दबावऔर डिजिटल थकान जैसी समस्याओं से निपटने के सरल उपाय समझाए गए।

"सोशल मीडिया के दुरुपयोग" विषय पर स्वयंसेवकों ने बताया कि गलत जानकारीअफवाहें और अत्यधिक स्क्रीन टाइम कैसे युवाओं के व्यवहार और सोच को प्रभावित कर सकता हैतथा इनसे बचने के तरीके सुझाए।

 "डिजिटल भारत" विषय के माध्यम से छात्रों को बताया गया कि भारत किस प्रकार तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रहा है और युवाओं की इसमें क्या भूमिका है।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में डिजिटल युग की चुनौतियों के प्रति सजगताजिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार और सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

इस अवसर पर वरिष्ठ स्वयंसेवक भानुप्रसाद रावतेस्वयंसेवक चमन साहूअमित कुमार साहूतथा स्वयंसेविकाएं कात्यानी साहूमुस्कान बंजारेगणेश्वरी और निर्जला उपस्थित रहीं। सभी स्वयंसेवकों ने समूहों में विभाजित होकर विद्यार्थियों को विषयवार जानकारी दी तथा संवादप्रश्नोत्तरी और गतिविधियों के माध्यम से उन्हें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

राष्ट्रीय सेवा योजना की इस पहल से विद्यार्थियों में तकनीकी समझआत्मविश्वास और जिम्मेदार नागरिकता की भावना को प्रोत्साहन मिला।