दिग्विजय महाविद्यालय राजनांद‌गाव के भौतिक शास्त्र विभाग में भारतीय न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक "डॉ. होमी जे भाभा की जन्म जयंती

शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, 'राजनांद‌गाव के भौतिक शास्त्र विभाग में ,भारतीय न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक "डॉ. होमी जे भाभा (30/10/1909)"  की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ अंजलि औधिया( ज्वाइंट डायरेक्टर,रुसा उच्च शिक्षा विभाग )महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सुचित्रा गुप्ता ,भौतिक विभाग की  विभागाध्यक्ष डॉ पी बी टांकसहायक प्राध्यापक डॉ एस के पटेल,  श्री लेखा प्रसाद उर्वशा ,अतिथि व्याख्याता डॉ आर के देशमुखश्री नितेश बंजारे एवं श्री त्रिवेंद्र साहू सर मंचस्थ रहे।कार्यक्रम की पारंपरिक शुरुआत भाभा जी के तैलचित्र पर मुख्य अतिथि द्वारा फूल अर्पण कर एवं राजकीय गीत के साथ की गई।

तत्पश्चात विभागाध्यक्ष डॉ पी.बी टांक ने कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एवं उपस्थित सभी जनों को स्वागत भाषण से उद्‌बोधित करते हुए किया।इनके बाद विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ एस के पटेल ने कार्यक्रम की रूपरेखा का विवरण दिया एवं डॉ होमी जे भाभा के  व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए उन्होने कहा कि  भाभा जी में स्वबोध की भावना थी जिसके कारण वे विदेश न जाकर भारत में ही रह गए और भारत को नाभिकीय शक्ति बनाने में अविस्मरणीय योगदान दिया। उन्होने  कहा कि यदि यह स्वबोध की भावना हम सब में हो तो हम भी देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं ।इसके बाद संस्था की प्राचार्या डॉ सुचित्रा गुप्ता  ने सभी को उद्‌बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य निश्चित होना चाहिए साथ ही लक्ष्य बड़ा रखना चाहिए। उन्होंने  कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि विज्ञान का उपयोग मानव व समाज के कल्याण के लिए हो। कार्यक्रम की गुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ अंजलि औधिया ने "SWOC, our Quality education through learner centric pedagogies" विषय पर अपना व्याख्यान दिया । उन्होने बताया कि व्यक्ति को अपनी कमजोरीताकत  एवं अवसर का ज्ञान होना चाहिए साथ ही व्यक्ति को क्रिटिकल थिंकिंग करना चाहिए जिससे वे निश्चित ही सफल होंगे और देश व समाज के विकास में अपना योगदान दे सके। उन्होंने शिक्षक व विद्यार्थी के बीच शिक्षकीय संबंधों पर भी चर्चा की ।कार्यक्रम में एम एस सी के छात्रों द्वारा भाभा जी की जीवनी एवं प्रेरणादायक व्यक्तित्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए ।अंत में सहायक प्राध्यापक श्री लेखा प्रसाद उर्वशा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्य अतिथि विभागाध्यक्ष एवं विभाग का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में एमएससी तृतीय सेमेस्टर एमएससी प्रथम सेमेस्टर एवं बीएससी हॉनर्स के कुल 67 छात्र उपस्थित रहे। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सफल समापन किया गया।