दिग्विजय महाविद्यालय हर्बल औषधियों द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर वर्कशॉप का आयोजन,
विद्यार्थियों ने सीखा हर्बल उत्पाद का निर्माण
शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालयराजनांदगांव (छ.ग) के प्राचार्यों डॉ सुचित्रागुप्ता के मार्गदर्शन में रसायन शास्त्र विभाग द्वारादो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “हीलिंग हर्ब्स: ए प्रैक्टिकल वर्कशॉप ऑन नेचुरल वेलनेस” विषय पर आयोजित की जा रही है।प्राकृतिक औषधियों एवं आयुर्वेद के महत्व पर केन्द्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशालाआयोजनकियागया । इस अवसरपरमंच संचालन सुश्री वंदना मिश्रा,डॉ. प्रियंकासिंहव्श्रीलिकेश्वरसिन्हाद्वारा किया गया। विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए।दुसरे दिनकार्यक्रम का प्रारंभ तकनीकी सत्र–III से हुआ, डॉ. भावना जैन, साइंटिस्ट, सिद्धाचलम लेबोरेटरी, रायपुर ने “भस्म टू नैनोमेडिसिन: ब्रिजिंग ट्रेडिशनल विज़डम विद मॉडर्न साइंस” विषय पर व्याख्यान दिया।वैद्य शेखू राम वर्मा, राष्ट्रीय उपचार केन्द्र, देवरी (जिला खैरागढ़ छुइखदन गंडई) ने “हड्डी जोड़ने हेतु आयुर्वेदिक उपाय एवं टेपिंग तकनीक” पर उपयोगी जानकारी दी।कार्यक्रम में विशेषज्ञोंएवंविद्यार्थियों ने विभिन्न हर्बलउत्पादों का प्रदर्शन किया तथा उनके उपयोग एवं लाभों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी हैं तथा किसी प्रकार के दुष्प्रभाव से मुक्त रहते हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पाद शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ सुरक्षित भी हैं।डेमोंस्ट्रेशन में उपस्थित लोगों ने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई और उन्हें उपयोग करने की बात कही। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में शोध एवं नवाचार की भावना को बढ़ावा देना तथा आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उत्पादों के महत्व को समाज तक पहुँचाना था।प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपने-अपने हरबल उत्पाद प्रस्तुत किए। निर्णायक मंडल द्वारा उत्पादों के उपयोग, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रस्तुतीकरण एवं प्रभावशीलता के आधार पर मूल्यांकन किया गया।परिणाम इस प्रकार रहे- प्रथम स्थानअनुष्का सिंह, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर की फार्मेसी विभाग की छात्रा, जिनका उत्पाद हर्बल बॉडीएक्सफोलिएंट जेल,द्वितीय स्थानविशाल बघेल, शुभम कुमार एवं रेणुका एक्का को प्राप्त हुआजिनका उत्पादहर्बल टिंचर (जीविका)एवं तृतीय स्थान डॉ. अंकिता गुप्ता एवं जयंश्री साहू, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर की फार्मेसी विभाग की छात्रा, जिनका विषय हर्बल लिप जेलकार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने हर्बल प्रोडक्ट्स की उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी और इनके माध्यम से स्वास्थ्य संरक्षण एवं सौंदर्य संवर्धन में प्राकृतिक संसाधनों की भूमिका स्पष्ट की।समापन अवसर पर निर्णायकों एवं अतिथियों ने विजेताओं को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने में सहायक सिद्ध होती हैं। कार्यक्रम में उपभोक्ता, छात्र और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।कार्यशाला के संयोजक डॉ. डाकेश्वर् कुमार वर्मा, सहायक प्राध्यापक, था सह-संयोजक श्री यूनुस रज़ा बेग, विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र विभाग थे।आयोजन सचिवमेंडॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. अश्वनी शर्मा, श्रीमती रीमा साहू, श्री विकास कांडे, सुश्री वंदना मिश्रा, श्री लिकेश्वर सिन्हा, डॉ. रेनू वर्मा, डॉ. संगीता राजपूत, श्री हर्ष सोनी, रसायन शास्त्र विभाग सेआयोजन समिति में सम्मिलित रहे।दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशालाके प्रायोजक छत्तीसगढ़ परिषद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (CCOST), छत्तीसगढ़ जनजातीय स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप मंडल, रायपुर,एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, दिग्विजय स्टेडियम के पास, राजनांदगांव (छ.ग.), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कलेक्ट्रेट शाखा, राजनांदगांवरहे।द्वितीय दिवसकार्यशाला समापन पर श्री यूनुस रज़ा बेग के द्वारा सभी सहयोगियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया ।उक्त वर्कशॉप में महाविधालय के रजिस्ट्रार श्रीदीपककुमारपरगनिहाव्मुख्यलिपिकश्रीमतिमंजूषा बाजपेयी ने प्रबंधनकार्योंमेंमहत्वपूर्णभूमिकानिभाई I वर्कशॉप में लगभग 35 स्टाल लगाये गये थे जिसमे छात्रो द्वारा बनाये गये हर्बलउत्पादों की प्रदर्शनीय लगाई गईI निर्णायक का कार्य महाविद्यालय से बायोटेक के सहायक प्राध्यापक डॉ.प्रमोद कुमार महिष तथा बॉटनी के सहायक प्राध्यापक डॉ. त्रिलोक कुमार ने कियाI