दैनिक जीवन में हम सभी विभिन्न प्रकार केसामान्य रोगो से पीड़ित होते है जिसमे सर्दी, बुखार सरदर्द आदिप्रमुख है | इनके उपचार केलिए ज्यादातर लोग बाजार आधारित रासायनिक उत्पादों पर निर्भर रहते है जिसके कई साइडइफ़ेक्ट है एवं लिए हानिकारक होता है, दूसरी ओर हर्बलप्राकृतिक उपचार लंबे समय से प्राकृतिक गुणों के लिए परीक्षण किए जाते हैं एवंजिनका उपयोग करना हमारे लिए लाभदायक सिद्ध हुआ है इसी मे विचार करते हुएकेमिस्ट्री विभाग के प्राध्यापक डॉ डाकेश्वर कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में एम एससी -रसायनशास्त्र के छात्रों रिया महोबिया, संस्कृति देशमुख,भीखम एवं पूर्णिमा ने एक प्राकृतिकउत्पादों का उपयोग करते हुये सर्दी , सामान्य बुखार एवं सरदर्द के लिए एक क्रीम तैयार की है |
इसे सावधानीपूर्वक चयनित प्राकृतिक उत्पादोंएवं जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार किया गया है, जो सर्दी, गले में खराश,शरीर और सरदर्द निवारक गुणों के लिए प्रयोग में लायी जाचुकी है | इसमें मुख्य सामग्री के रूप में
आसव तेल (लौंग, दालचीनी), कपूर, प्राकृतिक शहदमोम, पुदीना, अजवायन जैसे दस प्राकृतिक चीजों का उपयोग किया गया है | सिंथेटिक दर्दनिवारक दवाओं के विपरीत, जो त्वचा की एलर्जी, खुजली आदि जैसे कई दुष्प्रभावों के साथ आ सकते हैं, जबकि हर्बल दर्दनिवारक उत्पाद एक सौम्य विकल्प प्रदान करते हैं।
निर्माण की प्रक्रिया में एक से दो सप्ताह कासमय लगा और अंतिम उत्पाद प्राप्त हुआ। इस उत्पाद में उपयोग की जाने वाली सभीसामग्री हर्बल हैं और बिना किसी दुष्प्रभाव के उपचारात्मक गुण रखती हैं। पैचपरीक्षण: उत्पाद बनने के बाद इसे पैच परीक्षण से गुजरना पड़ता है, जिसमें हम उत्पाद कोत्वचा के एक छोटे से हिस्से पर लगाते हैं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ देते हैं, जिससे पता चलता है किइससे खुजली या किसी अन्य दर्द जैसे कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, यह परिक्षण सात लोगोपर भी किया गया जिसमे किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट । फाइटोकेमिकल विश्लेषण: हमनेफाइटोकेमिकल परीक्षण के माध्यम से सक्रिय घटक की उपस्थिति का भी परीक्षण किया।
परिक्षण के आधार पर हमने निष्कर्ष निकाला किहर्बल घटकों को उत्कृष्ट दर्द निवारक उत्पाद के रूप में प्रभावी रूप से तैयार कियाजा सकता है। ये उत्पाद स्वाभाविक रूप से हमारी रिकवरी में सहायता करते हैं,रसायनों दवाओंपर निर्भर रहे बिना हर्बल सामग्री से बनापदार्थ का उपयोग कर हम स्वस्थ जीवन निर्वाह कर सकते है तथा साथ ही यह सुरक्षित औरप्रभावी समाधान देते हैं।
केमिस्ट्री विभाग के प्राध्यापक डॉ डाकेश्वरकुमार वर्मा ने बताया की यह उत्पाद पांच ग्राम के डिब्बे में भी उपलब्ध है और इसकेपेटेंट की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है ताकि इसे बड़े स्तर पर उत्पादन किया जासके | महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सुचित्रा गुप्ता ने भी इस उत्पाद को ख़रीदा औररिसर्च टीम को इस कार्य को आगे बढाने के लिए प्रेरित एवं मार्गदर्शन दिया |