दिनांक -24.07.2023

 संचार माध्यमों का विकास विषय पर अतिथि व्याख्यान

पत्रकारिता विभाग में आयोजन

शासकीय दिग्विजय स्वाशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में प्राचार्य डॉ. के. एल टांडेकर के निर्देशन एवं पत्रकारिता, डॉ. बी. एन. जागृत के मार्गदर्शन में संचार माध्यमों का विकास विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष, सह प्राध्यापक, डॉ. गुरुशरण लाल शामिल हुए। विभागाध्यक्ष डॉ. जागृत ने स्वागत भाषण में मुख्य वक्ता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. गुरुशरण लाल एक उदाहरण हैं कि मेहनत व्यर्थ नहीं जाती। जिस तरह एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लाल पत्रकारिता के साथ-साथ साहित्य में भी अपनी मजबूत पकड़ रखतें हैं जो उनकी प्रतिभा को और निखरता है। इसी तरह आप विद्यार्थियों को भी हमेशा स्वयं मेहनत करनी चाहिए। जिसका लाभ भविष्य में निश्चित तौर पर मिलेगा। अपने व्याख्यान में डॉ. लाल ने संचार के इतिहास के बारे में बताया कि सर्वप्रथम इंसान धुएं के माध्यम से एक दूसरे को अपनी उपस्थिति से अवगत कराता था तत्पश्चात पत्तों में लिखकर, पत्थरों में लिखकर सूचना का आदान-प्रदान करता था। धीरे-धीरे विकास की सीढ़ियां चढ़ते हुए संचार माध्यम का विकास होता गया और आज हम सोशल मीडिया के युग में जी रहे हैं। भले ही हम सोशल मीडिया के युग में है पर फोक मीडिया और रेडियो की भी सामाजिक परिवर्तन में शक्तिशाली भूमिका रही है, जो लोगों की धारणाओं को प्रभावित करने में आज भी समर्थ है। फोक मीडिया के विकास के साथ-साथ प्रिंटिंग प्रेस के विकास के क्रम को समझाते हुए प्रेस की स्थापना के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले पत्रकार कविता, कहानी के माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का काम किया करते थे।