पत्रकारिता विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान का आयोजन


पत्रकार समाज का शिक्षक है: डॉ राहुल तिवारी
संपादक संपादकीय पृष्ठ पर विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है: डॉ. बिचित्रानंदा पंडा

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. किरण लता दामले के निर्देशन एवं पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एन. जागृत के मार्गदर्शन में ’’समाचार लेखन में नीति नियम व सिद्धांत’’ और ’’संपादकीय लेखन के मूल तत्व’’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर, पत्रकारिता विभागाध्यक्ष, डॉ. राहुल तिवारी और अमेटी वि.वि. रायपुर, पत्रकारिता विभाग के सहा. प्राध्यापक डॉ. बिचित्रानंदा पंडा रहें। प्राचार्य ने उद्बोधन में कहा कि पत्रकारिता को देखने का सबका अपना अलग-अलग नजरिया होता है और यह स्वाभाविक ही है। विभागाध्यक्ष ने उदबोधन में कहा कि लेखन का कार्य निरंतर करना चाहिए इससे शब्दों में पकड़ मजबूत होती है और मात्राओं की त्रुटि को सही किया जा सकता है। मुख्य वक्ता डॉ. राहुल तिवारी ने विषय का उल्लेख करते हुए कहा कि देश दुनियां में लाखांे घटनाएं घट रही है, लोग न्यूज देख, पढ़ रहें है इसमें कितना तात्कालिक विषय जुड़ा है इस तथ्य को समझना आज अति आवश्यक है। लेकिन जिस समाचार में जन रूचि जुड़ी हो तथा जिसे लोग जानने के लिए उत्सुक हो ऐसी सूचनाओं को समाज में परोसना ही मूल पत्रकारिता का सिद्धांत होना चाहिए। यह न केवल समाज की विश्वसनीयता को बढ़ाता है बल्कि यह समाज में भी एक सकारात्मक प्रभाव डालता है।डॉ. बिचित्रानंदा पंडा ने विषय पर कहा कि संपादकीय लेखन कला का सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक दस्तावेज हैं, प्रत्येक समाचार पत्र या पत्रिका के कुछ ऐसे मूलभूत सिद्धांत होते हैं, जिनका पालन नीति निर्देशक तत्वों के रूप में प्रत्येक संपादक को करना होता है। संपादकीय लेखन में विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र होते है। संपादकीय पृष्ठ पाठकों के विचार में जागरूकता उत्पन्न करता है, उन्हें विषय पर सोचने और विचारों के आदान प्रदान करने में सहायता करता है। डॉ. पंडा ने आगे प्रायोगिक तौर पर जानकारी देते हुए इस पृष्ठ की हेड लाइन, डेट लाइन, सब हेडलाइन व जंप लाइन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। विद्यार्थियों ने समाचार पत्र और सम्पादकीय पृष्ठ से जुड़े अनेक प्रकार के प्रश्न किये जिसका उत्तर प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन अमितेश सोनकर और आभार व्यक्त रेशमी साहू ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अतिथि व्याख्याता विभा सिंह का सहयोग रहा और साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।