4.विश्व गौरैया दिवस परगौरैया के संरक्षण के लिए दिया गया प्रशिक्षण

 

शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालयराजनांदगांव के प्राचार्य डॉ. सुचित्रा गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन एवंविभागाध्यक्ष डॉ किरण लता दामले के निर्देशन में आज दिनांक 20 मार्च 2025 कोअंतरराष्ट्रीय गौरैया दिवस के अवसर पर गौरैया के संरक्षण विषय पर कार्यशाला  का आयोजन किया गया। प्राचार्य महोदया ने अपनेउद्बोधन में स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुएबताया कि घर के आंगन में सामान्य तौर पर देखे जाने वाली गौरैया अब दुर्लभ हो चलीहै, जिसकी चहचहाट से हम सुबह उठा करतेथे वह चहचहाहट अब कहीं खो गई है। कारण कहीं न कहीं आधुनिकता के इस दौर में मानवजनित कारणों और संरक्षण के अभाव में आज उनका अस्तित्व संकट में है। विभागाध्यक्षडॉ दामले ने बताया कि प्राणीशास्त्र विभाग वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतुजागरूकता कार्यक्रम, शोध कार्य समेत विभिन्नगतिविधियों को निरंतर संचालित करता रहा है। विगत 5 वर्षों से गौरैया दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में व्याख्यानएवं कृत्रिम घोषणा निर्माण प्रशिक्षण देकर गौरैया को संरक्षण प्रदान करने के प्रयासलगातार किए जा रहे हैं, जिसमें बहुत हद तक सफलताभी मिली है। मुख्य वक्ता रूप के रूप में उपस्थित संस्था के पूर्व विद्यार्थी श्रीथान सिंह साहू "प्रकृति मित्र" जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विगतकई वर्षों से कार्यरत है गौरैया के संरक्षण पर भी व्यक्तिगत एवं राज्य स्तर परउन्होंने सराहनीय कार्य किए हैं। पर्यावरण संरक्षण के साथ पक्षियों के संरक्षण औरयूनिसेफ के पर्यावरणीय गतिविधियों में सक्रिय रूप से कार्यरत है। इस कार्यशाला मेंछात्रों ने उनसे पुरानी उपयोग में ना आने वाली वस्तुओं , जैसे नारियल का बुच, पुरानेपट्ठे, पुराने बोरे और बांस सकीखपच्चीयों से गौरैया पक्षी के लिए घोंसला बनाना सिखा। इन  घोंसलो को छात्र अपने-अपने गांव में भी लगालगाएंगे। और ग्रामीणों को पक्षी संरक्षण के लिए के प्रति जागरूक भी करेंगे,इस बात का उन्होंने संकल्प भी लिया। इसीतारतम्य में चिड़ियों के लिए महाविद्यालय में पानी की व्यवस्था भी अन्य विभागोंद्वारा की गई। उक्त कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ संजय ठिसके,श्री गुरप्रीत सिंह भाटिया, श्री चिरंजीव पाण्डेय, श्रीमती करुणा रावटे, कु.जागृति चंद्राकर सहित विभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के समस्त विद्यार्थीसम्मिलित हुए।