शासकीय दिग्विजयस्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव में समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग में अंतर विभागीय अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया. उक्त व्याख्यानका आयोजन प्राचार्य डॉ. के.एल. टांडेकर के निर्देशन तथा समाजशास्त्र विभाग अध्यक्षडॉ. ए. के. मंडावी एवं समाज कार्य विभाग अध्यक्ष श्रीमती ललिता साहू के मार्गदर्शनमें आयोजित किया गया. व्याख्यान हेतु   मुख्य वक्ता के रूपमें डॉ अंजली मोहन कोडोपी ,सहायक प्राध्यापक (मानव शास्त्र )कोआमंत्रित किया गया . डॉ अंजलि मोहन द्वारा  " जनजाति भारत  " विषय  पर अपना व्याख्यान प्रेषित किया गया.उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि पूरे विश्व में भारत अपनी जनजातिय सामाजिक-सांस्कृतिक अद्वितीय परंपरा के लिए विख्यात है . जनजाति समाज एक ऐसा समाज है जोअपनी प्राचीन - अर्वाचीन संस्कृति की परंपरा को संजोए हुए हैं . विभिन्न विषयसमाजशास्त्र, समाज कार्य ,मानव शास्त्र एवंअन्य विषयों के अंतर्गत हम जनजाति समाज का अध्ययन करते हैं .भारत के किन राज्योंमें कौन सी जनजाति पाई जाती है तथा इन जनजातियों का सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिकपरिपेक्ष में सारगर्भित व्याख्यान उनके द्वारा प्रेषित किया गया. जनजाति समाज  के उत्थान एवं कल्याण के लिए शासन की विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारीप्रदान की गई . कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न प्रश्नों केमाध्यम से अपनी शंकाओं का समाधान किया गया. कार्यक्रम में समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे तथा प्राध्यापक गण डॉ प्रियंका लोहिया, श्रीमती चित्रांशा  राठौर, तारिणी साहू ,श्रीमती शालिनी सोनी भी उपस्थित रहे.