मत्स्य एवंमत्सियिकी के विद्यार्थियों ने मनाया विश्व मत्स्यिकीदिवस

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजयमहाविद्यालय में विश्व मत्स्यिकी दिवसकेअवसर पर प्राचार्य डा. के.एल.टाण्डेकर के मार्गदर्शन में प्राणीशास्त्र विभागद्वारा  अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया| जिसमेविभागाध्यक्ष डॉ किरण लता दामले ने विश्व मत्स्यिकी दिवस का इतिहास बताते हुए कहाकी स्थाई मत्स्य पालन की प्रथाओ एवं वैश्विक जनादेश की नीतियों को बनाने के लिए 21नवम्बर 1997 में विश्व मत्स्य फोरम नई दिल्ली में निर्मितकिया गया , जिसका उद्देश्य अंतर्देशीय संसाधनों की स्थिरताके लिए आवास, आपदा ,मछलियों काअतिदोहन एवं अन्य गंभीर खतरों की ओर ध्यान केन्द्रित करना था| यहदिन इसलिए भी मनाया जाता है ताकि स्वस्थ महासागरो के पारिस्थितकीय तंत्रों केमहत्व को उजागर किया जा सके, साथ ही दुनिया भर में मत्स्य पालन केस्थाई भण्डार को सुनिश्चित किया जा सके | प्राचार्य डा.के.एल.टाण्डेकर ने अपने वक्तव्य मे कहा कि मत्स्यिकी के क्षेत्र में रोजगार कीअपार संभावना है, महाविद्यालय के स्नातक स्तर पर मत्स्य एवंमत्सियिकी की कक्षाए भी संचालित है,इस प्रकार केआयोजन से विद्यार्थियों को आवश्यक जानकारी मिलती है एवं उन्होंने इस आयोजन के लिएविभाग की सराहना कर बधाई दी|

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री दिलीपश्रीवास्तव सेवा निवृत मत्स्यिकी निरीक्षक, राजनांदगांवजिन्होंने मत्स्य पालन विभाग में 15 वर्ष की सेवाकोकपुर में भी दी है , ने मछलियों के प्रजनन की कृत्रिम विधिको बताते हुए विभिन्न हेचरी के प्रकारों को विस्तार से समझाया| अतिथिव्याख्याता श्री अरविन्द रजक मत्स्यिकी निरीक्षक, अम्बागढ़ चौकी नेकेंद्र एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित नील क्रांति योजना ,राष्ट्रीयकृषि विकास योजना ,राज्य पोषित योजना ,मुख्यमंत्रीकौशल प्रशिक्षण आदि की जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार मछलीपालन के लिए शासनलघु एवं वृहद् स्तर पर शासन 40 से 60 प्रतिशत कीसब्सिडी दे रही है, रोजगार के दृष्टिकोण से मछलीपालन के क्षेत्रमें कम लागत में अधिक उत्पादन कर व्यवसाय किया जा सकता है| कार्यक्रमका समापन करते हुए सहा. प्राध्यापक श्री चिरंजीव पाण्डेय ने मुख्य अतिथियों काधन्यवाद ज्ञापित किया| इस अवसर पर प्राणीशास्त्र विभाग केप्राध्यापक श्री गुरप्रीत सिंहभाटिया, श्रीमति करुना रावटे, महेशकुमार लाडेकर,रुपाली पाण्डेय एवं स्नातक मत्स्य एवंमत्सियिकी व स्नातकोत्तर स्तर के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे|