पत्रकारिता के छात्र -छात्राओं नें किया छत्तीसगढ़ी ओलपिंक विषय पर समूह चर्चा

देश की उपलब्धि को दर्शाने में ओलपिंक की महत्वपूर्ण भूमिका

राजनांदगांव।शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव में प्राचार्य डॉ.के.एल.टांडेकर के मार्गदर्शन एवं पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डाॅ.बी.एन.जागृत के नेतृत्व मेंपत्रकारिता विभाग द्वारा विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास व तार्किकता को जाननें के उद्देश्य से 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ी ओलपिंक विषय पर समूह चर्चा का अयोजन किया गया।
पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बी. नंदा जागृत ने छत्तीसगढ़ के जनता में बहुत ही ललक व उत्सुक्ता कि बात कहते हुए बताया कि खेल महज खेल नहीे है ये संस्कृति के प्रति जुड़ाव है। वहीं विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए जानकारी दी किसभी आयुवर्ग के प्रतिभागी सम्मिलित हुए। जिससे हर वर्ग के लोग बढ़ – चढ़कर हिस्सा ले रहे है साथ ही देखने को मिला कि किस तरह 60 वर्ष की बुर्जुग महिला ने फुगडी में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
व्यख्याता अमितेश सोनकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी ओलपिंक बहुत ही अच्छा आयोजन है इस आयोजन में हर वर्ग के लोगों की प्रतिभा निखर कर सामने आयी और नई पहचान एवं मंच प्राप्त हुआ। व्यख्याता विभा सिंह ने कहा आनलाइन के कारण खेल जो उंगलियों में सिमट कर रह गये थे उसे शाररिक रुप से शामिल करने में ओलपिंक कि महत्व भूमिका रही। व्यख्याता सेऊक दास ने कहा इस ओलपिंक का लाभ तब होगा जब अंतराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ के लिखाड़ी खेलेगें और मेडल लायेगे।
पत्रकारिता के छात्र -छात्राओं नें चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ी ओलपिंक विषय की खुबी व खामिया दोनों पक्षों पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की उपलब्धि को दर्शाने में ओलपिंक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसके लिए प्रतिभागी कड़ी मेहनत करते है, जिससेखेलो के प्रति उत्साह बढ़ रहा है क्षेत्री से राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीयखेलों तक जाने का मार्ग खुलेगा। साथ ही यह भी बात सामने आयी कि खेल के लिए बनाई गई कमिटी में सरकार का हस्तक्षेप ना हो कर प्रोफेशनल लोगों को शामिल किया जाए तो खिलाडियों को अच्छी सुविधा मिल सकती है। वहीं छत्तीसगढ़ी खेल विलुप्त हो रहे है इस आयोजन से पुनः खेल प्रति ध्यान केन्द्रित हो रहे है। इसमें हर वर्ग के खिलाडियों को सामने ंआने का अवसर प्राप्त हो रहे है।
अंतः निकर्ष के रुप मे सामने आया कि इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए लेकिन सुधार के साथ जिससे राज्यों कि नई प्रतिभा देखने को मिलेगी। कार्यक्रम में पत्रकारिता के विद्यार्थीयों ने भारी संख्या में उपस्थिती दर्ज हुई।