शास. दिग्विजय महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन
दिनांक 24/03/2025 दिन सोमवार को महाविद्यालय की प्राचार्य सम्माननीय डॉ. सुचित्रा गुप्ता तथा राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता बक्शी के मार्गदर्शन में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया जिसमें स्नातकोत्तर के छात्रों को रविशंकर जलाशय(गंगरेल बांध) जिला धमतरी का भ्रमण करवाया गया तथा छात्रों को जिला प्रशासन द्वारा जलाशय प्रबंधन तथा गंगरेल को पर्यटन के रूप में विकसित करने हेतु किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया गया।
राजनीति के माध्यम से विकास के कई आयाम हैं,जिनमे आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचे और मानव क्षमताओं सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार शामिल है, रविशंकर जलाशय परियोजना इस बात की गवाह हैं कि राजनीतिक रणनीतियां, नीतियां और कार्यवाहियां विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक हो सकती हैं, क्योंकि बिना राजनीतिक निर्णय यह सब संभव नहीं। छत्तीसगढ़ राज्य को विकास की दिशा में आगे ले जाने हेतु उसके पर्यटन क्षेत्र का सदा योगदान रहा जिसमें रविशंकर जलाशय परियोजना का योगदान उल्लेखनीय है।
भ्रमण के माध्यम से छात्रों ने जाना कि कैसे जिला प्रशासन गंगरेल स्थित एडवेंचर कैंप, बरदिहा लेक व्यू, अंगारमोती माता मंदिर, गार्डन, बांध स्थल और मरादेव पर्यटन क्षेत्र में मूलभूत सुविधायें, झूलों, गार्डन की साफ-सफाई, पेयजल, स्वच्छता को व्यवस्थित करने में कैसे अपनी महती भूमिका को निभाता है,साथ ही छात्रों ने जाना कि जिले में पर्यटन के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनायें हैं, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए गंगरेल बांध में और विकास की आवश्यकता है ताकि प्रदेश के साथ साथ देश विदेश के पर्यटक भी इस ओर आकर्षित हों जिसका लाभ पूरे राज्य को मिले क्योंकि यह बांध छत्तीसगढ़ का सबसे लंबा बांध है यह विशेषता इस बाँध की महत्ता को बढाता है,इसे महानदी नदी पर बनाया गया है। वास्तुकला के एक अद्भुत नमूने इस बांध की लंबाई 1,830 मीटर है,यह धमतरी जिले में स्थित है,जो धमतरी के मुख्य शहर से लगभग 15 किलोमीटर और रायपुर से 90 किलोमीटर दूर है,10 मेगावाट की जलविद्युत क्षमता के साथ यह बाँध राज्य सरकार की आय बढाने में भी योगदान दे रहा है। हाल ही में राज्य सरकार ने गंगरेल बाँध में जल जगार कार्यक्रम के शुरुआत के माध्यम से जल जागरूकता की ओर कदम बढ़ाया जो कि जल का महत्व बताने और जल संरक्षण की दिशा में अहम् प्रयास था।
छात्रों ने गंगरेल बांध के मार्ग पर स्थित अन्य दर्शनीय स्थलों की भी सैर की व राज्य में पर्यटन की संभावनाओं का अवलोकन किया तथा जाना कि छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन के माध्यम से कैसे अपने आय में वृद्धि कर रहा है।
इसी कड़ी में छात्रों ने प्राचीन सिया देवी मंदिर में भी भ्रमण किया, छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के नारागांव में स्थित है मां सियादेवी का भव्य मंदिर, जो माता सीता को समर्पित है, इस मंदिर में माता सियादेवी की तिरछी मूर्ति स्थापित है, कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है, इस जगह की सुंदरता बारिश के समय और बढ़ जाती है, यहां मंदिर के अलावा झरना और गुफा भी है।
तत्पश्चात छात्रों ने झलमला स्थित प्राचीन गंगा मैया मंदिर का भी भ्रमण किया,बालोद जिले में स्थित मां गंगा मइया मंदिर काफी प्राचीन है. इस मंदिर का इतिहास अंग्रेजों के शासनकाल से जुड़ा है. वहीं इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं भी हैं. जो इस मंदिर को खास बनाती है.मां गंगा मइया मंदिर की कहानी आज से करीब 130 साल पुरानी है. उस दौरान बालोद जिले की जीवनदायिनी तांदुला नदी के नहर का निर्माण चल रहा था. उस समय झलमला गांव की आबादी महज 100 के आसपास थी. सोमवार के दिन यहां बाजार लगा करता था. जहां दूरस्थ अंचलों से पशुओं के विशाल समूह के साथ हजारो लोग आया करते थे. यहां पशुओं की अधिकता से पानी की कमी महसूस की जाने लगी. पानी की कमी को पूरा करने के लिए तालाब बनाने के लिए डबरी की खुदाई की गई. जिसे बांधा तालाब का नाम दिया गया. मां गंगा मइया की कहानी इसी तालाब से शुरू होती है. वर्तमान में जिस जगह पर देवी की प्रतिमा स्थापित है वहां पहले तालाब हुआ करता था. जहां पर पानी भरा रहता था।
इस शैक्षणिक भ्रमण से छात्रों को निश्चित की कई लाभ हुए जैसे
उनमे अनुभवात्मक शिक्षा का प्रसार हुआ,अनुभवात्मक शिक्षा एक शैक्षिक दृष्टिकोण है जो केवल पाठ्यपुस्तक में पढ़ने या व्याख्यान सुनने के बजाय व्यावहारिक अनुभवों के माध्यम से सीखने पर ध्यान केंद्रित करता है। छात्रों को नए विचारों और संस्कृतियों से भी परिचित होने का अवसर प्राप्त हुआ,जिससे दुनिया के बारे में उनके दृष्टिकोण विस्तृत हुआ, के बारे में जानकर आश्चर्यचकित हो सकता है और विविधता के लिए एक नई प्रशंसा प्राप्त कर सकता है। सहपाठियों और शिक्षकों के साथ एक अलग वातावरण में रहने सेछात्रों का सामाजिक दायरा बढ़ा जिससे छात्रों को बेहतर संचार और टीमवर्क कौशल विकसित करने में मदद मिली,
List of participants for educational tour
M. A.privious
1. Tikeshwari dewangan
2. Neetu verma
3. Chanchal sahu
4. Ganga patila
5. Bhumika netam
6. Kritika bharti
7. Kavita verma
8. Vikas
9. Sandhya pal
10. Rohan jain
11. Kunal soni
M.A. Final
12. Anmol pathak
13. Yogesh dhaketa
14. Yamini dewangan
15. Pooja sahu
16. Daleshwar verma
17. Sonali yadav
18. Bhavna dewangan
19. Rinni khan
20. Nobal sahu
21. Paras yadav
22. Duleshwari
23. Uttam
24. Shubham prajapati
25. Nimmi khan
26. Koyna shrivas
27. Karan sahu
28. Shubham verma
29. Bhavna verma
Sttaf members
Mr. Sanjay saptarshi
Dr. Bharti soni