वाइब्रेंट दिग्विजय सम्मेलन में शामिल हुए शहर के बड़े-बड़े उद्योगपति

‘‘दिग्विजय महाविद्यालय को मिले 12 लाख

शासकीय स्वशासी दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दिनांक 24.12.2022 को प्राचार्य डॉ के. एल. टांडेकर के मार्गदर्शन, IQAC समिति और जनभागीदारी समिति के संयुक्त निर्देशन में प्रदेश में पहली बार किसी महाविद्यालय में इतने बड़े स्तर पर एल्यूमिनी समिट का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक ‘‘दिग्विजय वाइब्रेंट – औद्योगिक एवं एल्यूमिनी मीट‘‘ रहा। 1957 में महाविद्यालय के प्रारंभ से अब तक अध्ययनरत भूतपूर्व विद्यार्थी प्रदेश विभिन्न औद्योगिक, सामाजिक, शासकीय एवं अन्य क्षेत्रों में कार्यरत है उन्हे महाविद्यालय के अधोसंरचना के विकास और बेहतर NAAC ग्रेडिंग के लिए भूतपूर्व विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करना, अध्ययनरत विद्यार्थियों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराना, रोजगार और औद्यौगिक क्षेत्र में इंटर्नशिप दिलाना मूल उद्देश्य था। कार्यक्रम में शहर के जाने-माने उद्योगपति श्री बलदेव सिंह भाटिया (एम.डी. दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनंदगांव), श्री दामोदर दास मूंदड़ा (एम.डी. कमल सॉल्वेंट),श्री सूर्यकांत गुप्ता (एम.डी. राजाराम मेड प्रोडक्ट), श्री कैलाश सोनी (एम.डी.रेडिएंट कारपोरेशन लिमिटेड),श्री सुनील अग्रवाल ( एम.डी.थर्मोकेयर ग्रुप), श्री अनिल बरडिया ( प्रदेश संरक्षक छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स), श्री संजय चैबे ( प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज), श्री शरद अग्रवाल (जिला अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज) , श्री सूरज खंडेलवाल (कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स राजनंदगांव), श्री संजय जैन सावा (अध्यक्ष जिला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन), श्री सुनील पंसारी (एमडी सनशाइन रबर प्रोडक्ट्स), श्री विनोद बोहरा (एम.डी. महावीर कंस्ट्रक्शन) जैसे नामचीन उद्योगपति सम्मिलित हुए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ के.एल. टांडेकर ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश में पहली बार किसी महाविद्यालय में इस प्रकार औद्योगिक और एलुमिनी समिट का आयोजन किया गया है, प्रारंभ से ही दिग्विजय महाविद्यालय प्रदेश और जिले में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है जहां से बड़े-बड़े उद्योगपति, समाजसेवी राजनेता और अफसर पढ़कर निकले हम चाहते हैं कि यहां के भूतपूर्व विद्यार्थी महाविद्यालय के अधोसंरचना और बेहतरी में अपना योगदान दें ताकि आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बेहतर बनाया जा सके। क्योंकि महाविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है परंतु संसाधन सीमित है,संसाधन के उचित विकास और महाविद्यालय की अधोसंरचना में कुछ कमियां है जिसे दूर किया जाना चाहिए।।श्री बलदेव सिंह भाटिया जी ने महाविद्यालय के अधोसंरचना विकास के लिए 11 लाख रुपए अनुदान की घोषणा की, एवं अन्य उद्योगपतियों ने महाविद्यालय में प्रतिवर्ष विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप और कैंपस इंटरव्यू की आयोजन कराना सुनिश्चित किया। श्री दामोदरदास मूंदड़ा जी ने औद्योगिक क्षेत्र मे कौशल युक्त कामगरो कमी को उजागर करते हुए बताया कि यदि विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त कौशल प्राप्त हो तो औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर ढंग से विकसित किया जा सकेगा। IQAC संयोजक डॉ अनीता साहा प्रेजेंटेशन के माध्यम से महाविद्यालय की अधोसंरचना की कमियों को बताया एवं डॉ त्रिलोक देव ने महाविद्यालय के अधोसंरचना की आवश्यकता को प्रेजेंटेशन से दर्शाया और बताया कि इन क्षेत्रों में यदि बेहतर काम किया जाए तो महाविद्यालय प्रदेश समेत देश में भी अग्रणी महाविद्यालय की श्रेणी में में सम्मिलित हो सकेगा। NAAC संयोजक डॉ के.के. देवांगन ने बताया कि एलुमिनी मीट और भूतपूर्व विद्यार्थियों से प्राप्त होने वाले फंड से भी NAAC की ग्रेडिंग में पॉइंट मिलते हैं साथ ही इस प्रकार के योगदान से महाविद्यालय का बेहतर विकास किया जा सकेगा।कार्यक्रम का संचालन डॉ सोनल मिश्रा एवं डॉ माजिद अली ने सम्मिलित रूप से किया गया। कार्यक्रम के अंत में श्री बलदेव सिंह भाटिया जी को ‘‘दिग्विजय रत्न ‘‘से सम्मानित किया गया, अन्य उद्योगपतियों को ‘‘दिग्विजय गौरव‘‘ स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया साथ ही महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ के. एल. टांडेकर और जनभागीदारी अध्यक्ष श्री रईस अहमद शकील जी को ‘‘दिग्विजय श्री‘‘ सम्मान दिया गया। उक्त कार्यक्रम में IQAC समिति के सदस्य डॉ डी.के. वर्मा, गुरप्रीत सिंह भाटिया, श्री चिरंजीव पाण्डेय, सुश्री रागिनी पराते समेत महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, सहायक अध्यापक, अधिकारी एवं कर्मचारी गण सम्मिलित रहे।