शोध में नैतिक आचार संहिता का समावेश आवश्यक – डाॅ. पुखराज बाफना

शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव में गठित इथिकल कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ राजनांदगांव शहर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित हुए। सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. के.एल. टांडेकर ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि महाविद्यालयीन शिक्षा का उद्देश्य एक योग्य विद्यार्थी तैयार करना है जो न केवल अपने विषय में विशेषज्ञ हो वरन व्यवहार में भी उत्कृष्ट हो उसके व्यक्तित्व में नैनिक मूल्यों का समावेश हो। इसी उद्देश्य हेतु एथिकल कमेटी बनाई गई है।
एथिकल कमेटी की संयोजक डाॅ. अनिता महिश्वर ने बतलाया कि महाविद्यालय में अलग-अलग विषयों हेतु शोधकार्य होते है। एथिकल कमेटी का कार्य उन शोध परियोजनाओं की प्रक्रिया पर केन्द्रि कर यह पता लगाना है कि इस शोध कार्य का मानवीय पर्यावरण पशुओं और प्राकृतिक घटकों पर कोई दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ता है। इसके अलावा उन्होंने बतलाया कि एथिकल कमेटी समय≤ पर मूल्य संबंधी चिंतन पर व्याख्यान, कार्यक्रम आदि आयोजित कर छात्रों के व्यक्तित्व विकास सकल बनाएगी।
इस अवसर पर राजनांदगांव के वरिष्ठ चिकित्सक, समाजसेवी, पद्मश्री डाॅ. पुखराज बाफना ने बताया कि शोध एक अलग विद्या है उसे नैतिक आचार संहिता से जोड़कर महाविद्यालय ने उत्कृष्ठ कार्य किया है। डाॅ. पुखराज बाफना ने सभी शोधार्थियों का उत्साहवर्धन किया और उनसे कहा कि शोध से होने वाले लाभ ही नहींे हानियों पर भी चिंतन करना अनिवार्य है। तत्पश्चात् महाविद्यालय के स्वशासी प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त अनुदान पर किए जा रहे महाविद्यालय के 08 प्राध्यापकों ने अपने लघु शोध परियोजना की प्रस्तुती दी। डाॅ. प्रमोद कुमार महीश एवं डाॅ. संजय ठिसके ने बायोटेक्नोलाजी पर, डाॅ. डाकेश्वर कुमार वर्मा एवं श्रीमती रीमा साहू ने रसायनशास्त्र पर, डाॅ. केशवराम आडिल ने वनस्पतिशास्त्र पर, डाॅ. शबनम खान एवं श्रीमती कविता साकुरे ने गणित पर ,कु. रागिनी पराते ने वाणिज्य विषय पर ‘‘राजनांदगांव जिले में पर्यटन उद्योग का विकास चुनौतियां एवं संभावनाएं’’ पर तथा डाॅ. शैलेन्द्र सिंह एवं श्री हीरेन्द्र बहादुर ठाकुर, ने इतिहास विषय ‘‘ राजनांदगांव जिले के ज्ञात एवं अज्ञात आजादी के दीवानों का योगदान’’ विषय पर अपनी प्रस्तुती दी। सभी शोधार्थियों से प्रश्नोत्तर कर अतिथियों ने उन्हे शोध संबंधी सुझाव दिए। प्रस्तुतीकरण में नये अविष्कारों एवं खोज के लिए अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किये और मार्गदर्शन दिया।
इस कमेटी के सदस्य श्री एच.सी. जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा डाॅ. डी.पी. कुर्रे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर डाॅ. अजय कोसाम, डाॅ. सुमन सिंह बघेल, डाॅ. बी.एल. कुमरे, श्री लक्ष्मीनारायण देवांगन, श्री शरद श्रीवास्तव, डाॅ. शबनम खान एवं डाॅ. एस. जेनामणी उपस्थित थे।